डढिया असाधर गांव में आयोजित अध्यात्मबोध सत्संग समारोह हुई सम्पन्न
निज संवाददाता।उजियारपुर
डढिया असाधर वार्ड 06 में चल रहे कबीर पंथ की दो दिवसीय अध्यात्मबोध सत्संग समारोह के अंतिम दिन शनिवार को खगड़िया, वैशाली व पूर्णिया के आलवे जिले से सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष कबीरपंथी ने एक दूसरे को साहेब बंदगी व चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लिया। साथ ही कीर्तन, भजन व संतो का प्रवचन हुआ। संत रामा शंकर साहेब ने प्रवचन करते हुए कहा कि सम्पूर्ण संसार लोभ, लालच, तृष्णा व अहंकार की आग में जल रहा है। उन्होंने कहा कि कबीर कहते हैं जिसने प्रेम का रस नहीं चखा उसका स्वाद नहीं लिया। वह सूना घर का मेहमान है। ऐसे लोग संसार में आए और बिना इसका सार को समझे चले गए। ऐसे लोगों के जीवन का कोई मोल नहीं।
कबीर कहते हैं कंचन और कामिनी मनुष्य को माया के जाल में फसाये रहता है, जो इनको छोड़ देता है उसका उद्धार हो जाता है। इनके महत्वपूर्ण रचनाएं व दोहे आज भी प्रासंगिक और लोकप्रिय है। उन्होंने कबीर के दोहे पतिवरता मैली भलि, काली कुचली, कुरूप। पतिवरता की रूप पर, बारो कोटि स्वरूप का वाचन करते हुए कहा कि ऐ उनके प्रमुख ग्रन्थ बीजक है और इसके आलावे अनुराग सागर, साखी ग्रंथ, शब्दावली, कबीर ग्रथावली प्रमुख रचनाओं में है।
प्रवचनकर्ता में संत अरबिन्द साहेब, साध्वी राधा दास सन्त मिथिलेश दास समेत अन्य थे। मौके पर अध्यक्ष शिव नंदन राय, महावीर पोद्दार, रामबली दास, अवधेश दास, चन्द्रशेखर राय, महेन्द्र दास, योगेन्द्र राय, उमेश राय, राम जी सदा,नागेश्वर राम, देवो राय, सकल दीप राय समेत अन्य थे।