समस्तीपुरबढ़ते गर्मी के साथ ही गर्म हवा चलनी शुरू हो गई। ऐसे में पशुपालक अपने पशुओं का खास ख्याल रखें। अन्यथा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इन दिनों पशुओं में जल व लवण की कमी होना आम बात है। इससे भूख व उत्पादन पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। खासतौर पर विदेशी ब्रीड के गाय फ्रिजियन व जर्सी ब्रीड पर इसका प्रभाव अधिक हो सकता है। इससे बचाव को उन्हें हमेशा ही हवादार व ठंडी जगह पर ही बांधे।
शेड में रहने वाले जानवरों के चारोंओर जूट के पर्दा को लगाकर उसके उपर हमेशा पानी का छिड़काव करते रहे। ताकि उसके उपर नमी बनी रहे व अंदर का तापमान सामान्य रहे। इन दिनों में चारे का ध्यान रखना आवश्यक है। पशुओं को नए गेहूं के भूसे न खिलाएं। इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पशु को डायरिया आदि लोग हो सकते हैं। पशु में तापमान लगने के लक्षण नजर आते ही उसे तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर समुचित दवाई आदि दे। ताकि ससमय उसका इलाज संभव हो सके व पशुपालक को नुकसान न हो। तापमान लगने पर भूख कम लगना व पानी अधिक पीना शुरू कर देता है जानवर पशुओं में तापमान लगने का लक्षण आप तुरंत ही आसानी से भांप सकते हैं। इस के लगने बाद पशुओं की चाल ढ़ाल बदल जाती है।
पशुओं को भूख कम लगता है। इससे वह चारा खाना कम कर देता है। जबकि वह पानी अधिक पीना शुरू कर देते हैं। इसी तरह बार बार पेशाब करना व जुगाली करना अधिक कर देते हैं। इस तरह के लक्षण नजर आते ही तुरंत चिकित्सक की परामर्श लेकर समुचित दवाई देना चाहिए। बचाव को लेकर इन उपायों का करें प्रयोग तापमान से बचाव को जानवरों को हमेशा ठंडी व हवादार जगह पर बांधने के साथ ही उसे समय समय पर ठंडा पानी पिलाते रहना चाहिए। ताकि उनके शरीर का तापमान सामान्य रह सके। पशुओं को 10 बजे दिन के बाद ही सुरक्षित स्थान पर बांध देना चाहिए। इससे लेट कभी धूप में न छोड़े। साथ ही पूरे दिन में तीन से चार बार स्नान कराने चाहिए। नए गेंहू के भूसा को पानी में नमक डालकर पूरी रात के लिए छोड़ दें। ताकि उसकी गर्मी खत्म हो जाए। फिर सुबह में इसका इस्तेमाल चारे के लिए करना चाहिए। .
कहते हैं पदाधिकारी
इन दिनों पशुपालक को अपने जानवरों का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। ताकि उनका उत्पादन प्रभावित न हो। बढ़ती गर्मी के साथ पशुओं ठंडी व हवादार जगह पर ही रखें। जानवर के खाने का आवश्यक रुप से ध्यान दें। वह यदि नहीं खा रहा है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। –डा. नवीन प्रसाद डीएएचओ, समस्तीपुर