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गेहूं के बाजार में मिल रहे हैं अधिक दाम, जबकि सरकारी दर उससे कम

समस्तीपुर

जिले 303 पैक्सों व 17 व्यापार मंडल पर शुक्रवार यानी 15 मार्च से गेहूं के तैयार फसलों की खरीद शुरू हो जाएगी। इसको लेकर विभाग की ओर से पत्र जारी कर खरीद शुरू करने का निर्देश दिया गया है। किसानों को पहले विभाग की साइट पर गेहूं बेचने को लेकर आवेदन देना होगा। उसके बाद में पैक्स उसके तैयार माल की खरीदारी करेगी। किसानों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया शुरू कर दिया जाएगा है। बताया गया है कि अबकी बार जिले के 303 पैक्स व 17 व्यापार मंडल पर गेहूं की खरीदारी की जाएगी। किसानों को गेहूं के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल के दर से भुगतान किए जाएंगे। हालांकि अबतक गेहूं की खरीद को लेकर लक्ष्य का निर्धारण नहीं हो सका है।

वहीं विभाग अधिक से अधिक गेहूं की खरीद को लेकर पूरी मुस्तैदी से तैयारी में जुटा है। जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी सफदर रहमान ने बताया कि लक्ष्य के अनुरुप खरीदारी को लेकर विभाग तैयारी में जुटा है। हालांकि फिलहाल लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया गया है। बाजार से कम कीमत रहने से यह चुनौती पूर्ण है। बाबजूद कोशिश होगी कि अधिक से अधिक अपना तैयार फसल पैक्स को दें।बाजार में मिल रहा है अधिक कीमत : किसान पैक्स में कीमत कम होने की वजह से गेहूं के तैयार फसल को बाजार या व्यापारी को बेचने में अपना अधिक फायदा समझते हैं। क्योंकि इस समय बाजार में गेहूं के फसल को 2600 से लेकर 2750 रुपए तक मिल रहे हैं। यह दर सरकार के न्यूनतम दर से करीब 325 रुपए से लेकर 475 रुपए तक अधिक है। जानकारी के अनुसार इस समय बाजार में गेहूं के दर 2650 से लेकर 2750 रुपए तक है।

इसके अलावा उन्हें न तो कहीं आवेदन करना पड़ता है न ही किसी अन्य झंझट में पड़ना होता है। इस सिस्टम में व्यापारी खुद किसान के घरों तक पहुंचकर उनका तैयार फसल की खरीद कर लेते हैं। इससे यह किसानों को फायदे का सौदा लगता है।

पैक्स के गोदाम में अब भी पड़े हैं धान :

जानकारी के अनुसार अब तक पैक्स के गोदामों में किसानों से खरीद किए गए धान भी वैसे ही पड़े हुए हैं। किसान से धान लेकर पैक्स को चावल मिलों को देना है। लेकिन अब तक अनुमान के अनुसार यह काम 50 फीसदी तक ही पूरा हो पाया है। जबकि शेष जगह धान जस की तस पड़ी हुई है। पैक्स में धान के दर अधिक रहने से किसान धान की फसल को पैक्स में ही बेचते हैं। क्योंकि उन्हें बाजार के मुकाबले अधिक मूल्य मिलता है।

गेहूं की अच्छी खेती करते हैं किसान :

जिले में गेहूं की अच्छी खेती होती है। यहां करीब 68 हजार 823 हेक्टेयर भूमि में खेती की जाती है। इसमें करीब 31500 मैट्रिक टन गेहूं की पैदावार होती है। यहां के गेहूं की क्वालिटी भी अच्छी होती है। यही कारण है कि प्रदेश से बाहर के व्यापारी भी यहां से तैयार फसल को लेकर जाते हैं। यही का है कि गत वर्ष केवल 1.5 एमटी गेहूं की ही खरीदारी संभव हो पाई थी।